आश्विन अमावस्या का महत्व | Religious Importance Of Performing Tarpan, Shraddha On Ashwin Amavasya



07 Oct, 2013

हर महीने की अमावस्या व आश्विन मास की अमावस्या का महत्व

पितरों के निमित्त अमावस्या तिथि में श्राद्ध व दान का विशेष महत्व है | सूर्य की सहस्र किरणों में से अमा नामक किरण प्रमुख है जिस के तेज से सूर्य समस्त लोकों को प्रकाशित करते हैं | उसी अमा में तिथि विशेष को चंद्र निवास करते हैं | इसी कारण से धर्म कार्यों में अमावस्या को विशेष महत्व दिया जाता है | पितृगण अमावस्या के दिन वायु रूप में सूर्यास्त तक घर के द्वार पर उपस्थित रहते हैं तथा अपने स्वजनों से श्राद्ध की अभिलाषा करते हैं | पितृ पूजा करने से मनुष्य आयु, पुत्र, यश कीर्ति, पुष्टि, बल, सुख व धन धान्य प्राप्त करते हैं |

पितृ पक्ष तथा अमावस्या में श्राद्ध का महत्व एवम शास्त्रीय विधि

शास्त्रों में मनुष्यों पर तीन प्रकार के ऋण कहे गये हैं -- देव ऋण, ऋषि ऋण एवम पितृ ऋण | आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करके पितृ ऋण को उतारा जाता है | श्राद्ध में तर्पण, ब्राहमण भोजन एवम दान का विधान है | इस लोक में मनुष्यों द्वारा दिए गये हव्य -कव्य पदार्थ पितरों को कैसे मिलते हैं यह विचारणीय प्रश्न है | जो लोग यहाँ मृत्यु को प्राप्त होते हैं वायु शरीर प्राप्त करके कुछ जो पुण्यात्मा होते हैं स्वर्ग में जाते हैं, कुछ जो पापी होते हैं अपने पापों का दंड भोगने नरक में जाते हैं तथा कुछ जीव अपने कर्मानुसार स्वर्ग तथा नर्क में सुखों या दुखों के भोग की अवधि पूर्ण करके नया शरीर पाकर पृथ्वी पर जन्म लेते हैं |

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