महाशिवरात्रि पर करे कालसर्प दोष निवारण के सरल उपाय
यह निर्विवाद सत्य है कि कालसर्प योग का निर्माण मनुष्य के पूर्व जन्म के प्रारब्धों का परिणामस्वरूप होता है। इसका संबंध सीधे पितृ लोक से होता है। किसी जातक की जन्मकुंडली में यदि सारे ग्रह राहु और केतु मध्य आ जाए तो यह ग्रहण योग बन जाता है । ऐसे तो अभी तक कुल 164 प्रकार के कालसर्प
योग का पता चला है जिनमे 12 बेहद प्रभावशाली है । यह बात भी सत्य है की हर कालसर्प योग अनिष्टकारी नहीं होता, आमजनमानस को कालसर्प योग के नाम से डराया और भयभीत अधिक किया जाता है । यदि आप देखे तो देश ही नहीं विश्व की जो जानी मानी व संपन्न, प्रभावशाली हस्तिया है वह सभी कालसर्प योग से ग्रसित है । जातक यदि नियमित दिनचर्या में और खास तिथियों जैसे
महाशिवरात्रि पर राहु और केतु के अनिष्ट निवारण हेतु उपाय करता रहे, तो इस योग के बुरे प्रभावों से रक्षा होगी और उसका जीवन सुखमय रहेगा।
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