Importance And Significance Of Vasant Panchami, Saraswati Pooja By Acharya Vaibhava N Sharma



14 Feb, 2013

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वसंत पंचमी: सरस्वती पूजा....

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी के रुप में मनाया जाता है। पतझड़ के बाद वसंत का आगमन होता है। इस दिन भगवान विष्णु, कामदेव और उनकी पत्नी रति की पूजा की जाती है। इस दिन ब्रह्माण्ड के रचयिता ब्रह्मा जी ने सरस्वती जी की रचना की थी। इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा भी होती है। सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है इसलिए वसंत पंचमी को विद्यार्थियों के लिए विद्या आरम्भ करने का मुहूर्त बहुत ही श्रेष्ठ मुहूर्त होता है। जिन व्यक्तियों को गृह प्रवेश के लिए कोई मुहूर्त ना मिल रहा हो वह इस दिन गृह प्रवेश कर सकते हैं। कोई व्यक्ति अपने नए व्यवसाय को आरम्भ करने के लिए शुभ मुहूर्त को तलाश रहा हो तब वह वसंत पंचमी के दिन अपना नया व्यवसाय आरम्भ
कर सकता है। अन्य कोई भी कार्य जिनके लिए किसी को कोई उपयुक्त मुहूर्त ना मिल रहा हो तब वह वसंत पंचमी के दिन वह कार्य कर सकता है।

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