The Vedic and Religious Importance, significance of Charnamrit.......
The word Charnamrit means 'nectar from the feet of God'. It is made of two words, charan=feet & Amrit=mythological nectar from Gods, that makes one (the soul and not the body) live for ever. It is offered at the end of Hindu prayer meetings, in temples as well as at home. Traditionally, it was served directly onto the right cupped palm, held over the left cupped palm and sipped from there.
चरणामृत पान करने का महत्व......
अक्सर जब हम मंदिर जाते है तो पंडित जी हमें भगवान का चरणामृत देते है । क्या कभी हमने ये जानने की कोशिश की कि चरणामृत का क्या महत्व है । शास्त्रों में कहा गया है....
"अकालमृत्युहरणं सर्वव्याधि विनाशनम्।
विष्णो: पादोदकं पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते ।।"...
"अर्थात भगवान विष्णु के चरण का अमृत रूपी जल समस्त पाप-व्याधियों का शमन करने वाला है तथा औषधी के समान है। जो चरणामृत पीता है उसका
पुनः जन्म नहीं होता" अथवा पुनर्जन्म के बंधन स मुक्त हो जाता हैं ।
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