जानिए क्या है गर्भाधान संस्कार और क्या है गर्भाधान के लिए उत्तम समय व शास्त्रोक्त विधि.......
हमारे शास्त्रों में मान्य सोलह संस्कारों में गर्भाधान पहला है। गृहस्थ जीवन में प्रवेश के उपरान्त प्रथम कर्त्तव्य के रूप में इस संस्कार को मान्यता दी गई है। गार्हस्थ्य जीवन का प्रमुख उद्देश्य श्रेष्ठ सन्तानोत्पत्ति है। उत्तम संतति की इच्छा रखनेवाले माता-पिता को गर्भाधान से पूर्व अपने तन और मन की पवित्रता के लिये यह संस्कार अवश्य करना चाहिए। वैदिक काल में यह संस्कार अति महत्वपूर्ण समझा जाता था। इस संसार में प्रमुख तथा श्रेष्ठ मानव प्राणी की उत्पत्ति सुदृढ़, सतेज तथा दीर्घायु होने के लिए यथाविधि तथा यथा समय बीज स्थापन करना चाहिए। इसी का नाम गर्भाधान है । गर्भ = बीज और आधान = स्थापना ।
(Conception) To produce a good child, its mother and father should have pure thoughts and observe the rules of Shastras. God characterizing parents are necessary for bringing up a good child in the world.
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