Do's & Don'ts In Solar Eclipse, Surya Grahan, सूर्य ग्रहण में क्या करे, क्या ना करे



10 May, 2013

ग्रहण का सूतक अर्थात अशुद्ध समय
सूतक काल में बालकों, वृ्द्ध, रोगी व गर्भवती स्त्रियों को छोडकर अन्य लोगों को सूतक से पूर्व भोजनादि ग्रहण कर लेना चाहिए. तथा सूतक समय से पहले ही भोज्य पदार्थो में कुशा रख देना श्रेयस्कर होता है, ऎसा करने से ग्रहण के प्रभाव से ये अशुद्ध नहीं होते है ।

ग्रहण अवधि में किये जाने वाले कार्य
ग्रहण के स्पर्श के समय में स्नान, ग्रहण मध्य समय में होम और देव पूजन और ग्रहण मोक्ष समय में श्राद्ध और अन्न, वस्त्र, धनादि का दान और सर्व मुक्त होने पर स्नान करना चाहिए ।

तीर्थ स्थलों में जल स्नान का महत्व
स्नान के लिये प्रयोग किये जाने वाले जलों में समुद्र का जल स्नान के लिये सबसे श्रेष्ठ कहा गया है. ग्रहण में समुद्र नदी के जल या तीर्थों की नदी में स्नान करने से पुन्य फल की प्राप्ति होती है. किसी कारण वश अगर नदी का जल स्नान करने के लिये न मिल पाये तो तालाब का जल प्रयोग किया जा सकता है.वह भी न मिले तो झरने क जल लेना चाहिए. इसके जल श्रेष्ठता में इसके बाद भूमि में स्थित जल को स्नान के लिये लिया जा सकता है ।

ग्रहण में ध्यान देने योग्य अन्य बातें
ग्रहण के समय धारण किये हुए वस्त्र आदि को ग्रहण के पश्चात धोकर व शुद्ध करके ही धारण करने का विचार है, मॉस - मदिरा, स्त्री प्रसंग, मादक पदार्थ आदि से बचना चाहिए ।

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