Complete Astro, Vedic, Spiritual Analysis Of Catastrophe, Avalanche, Pralay In Uttrakhand, Part - 2



20 Jun, 2013

क्या आप जानते है ? उत्तराखंड में भरी तबाही, जलप्रलय, भूस्खलन के रूप में दैवीय आपदा के पीछे क्या कारण है ..........अनिष्‍टकारी योग में कपाट खुलवा रही है मंदिर समिति ।

Complete Astro, Vedic & Spiritual Analysis Of Catastrophe, Avalanche, Pralay In Uttarakhand | उत्तरांखंड में दैवीय आपदा, प्रलय का ज्योतिषीय, धार्मिक, शास्त्रीय विवेचन |

इस बार यह अवसर अक्षय त़तीया पर चार धाम के कपाट खुलने का था, उत्‍तराखण्‍ड के सत्‍तासीन नेता सोच रहे थे कि सरकारी खर्चे से पूजापाठ कर अपने पाप उतार लिये जाये, परन्‍तु इस बार बडी भारी चूक होकर अनहोनी घटना हुई जिसका किसी को अंदाज़ा भी न था, हुआ यूं कि गंगोत्री तथा यमनोत्री धाम के कपाट मंदिर समिति ने अक्षय त़तीया पर खोलना सुनिश्‍चित किया, इसके लिए समय निकाला गया 13 मई को समय 2 बजकर 24 मिनट परन्‍तु यही चूक हो गयी, घडी के अंतर ने विधि के विधान में अपशकुन दाल दिया, अक्षय त़तीया 12 मई को शुरू होकर 13 मई को 12 बजकर 42 मिनट पर खत्‍म हो रही है, तथा रोहणी नक्षत्र है, इस दौरान शानदार व विशेष संयोग है परन्‍तु यह अवसर चूक गये तो अनिष्‍टकारी योग है, 12 बजकर 24 मिनट के बाद रोहणी नक्षत्र खत्‍म हो रहा है तथा पित़्र पूजन का योग है जिसमें देव पूजा व पवित्र कार्य निषेध है, देवताओं की पूजा न करने का योग है, जबकि मंदिर समिति ने इस अनिष्‍टकारी योग में कपाट खुलवा कर पूजा करवा दी, सत्ता के मद में चूर सरकार और मंदिर प्रशाशन ने यह भी नहीं सोचा की इसके क्‍या असर व परिणाम होंगे और परिणाम हमारे आपके सामने है । महादेव हो गए रुष्ट । महाप्रलय में उतरांचल की पुण्य भूमि को लील लिया ।

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