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Celebrity Astrologer Acharya Vaibhava Nath Sharma In Manthan At Zee News On the Issue Of Natural Calamity & Disaster In Uttarakhand due to Negligence Of Vedic Norms....& Disobeying God & Goddess....Mainly Dhari Devi......
क्यूँ हुआ उत्तराखंड में महा प्रलय .......? क्यूँ आया जल सैलाब ......? देव भूमि में देवी देवताओ के अनादर से हुआ सर्वनाश....अनिष्टकारी योग में कपाट खुलवा रही है मंदिर समिति...प्रकृति, पहाड़, नदी, चार धाम और श्रद्धालुओ की सुरक्षा करनेवाली सिद्धपीठ माँ धारी देवी को हटाया उनके स्थान से और फिर सिर्फ 2 घंटे के अन्दर आया महा विकराल सैलाब........
यह अवसर है 13 मई 2013 अक्षय तृतीया पर चार धाम के कपाट खुलने का है, हुआ यूं कि गंगोत्री तथा यमनोत्री धाम के कपाट मंदिर समिति ने अक्षय तृतीया पर खोलना सुनिश्चित किया, इसके लिए समय निकाला गया 13 मई को समय 2 बजकर 24 मिनट परन्तु यही चूक हो गयी, घडी के अंतर ने विधि के विधान में अपशकुन ने आहट दे दी, अक्षय त़तीया 12 मई को शुरू होकर 13 मई को 12 बजकर 42 मिनट पर खत्म हो रही थी, तथा रोहणी नक्षत्र था, इस दौरान शानदार व विशेष संयोग था परन्तु यह अवसर चूक गये तो अनिष्टकारी योग होता, और हुआ भी वही, 12 बजकर 24 मिनट के बाद रोहणी नक्षत्र खत्म हो रहा था तथा चतुर्थी आरंभ हो रही थी जो रिक्त तिथि है साथ ही पित़्र पूजन का योग आरंभ हो रहा था, जिसमें पवित्र कार्य और देवपूजा निषेध है, यह देवताओं की पूजा न करने का योग है, जबकि राजपक्ष के दबाव में मंदिर समिति ने अनिष्टकारी योग में कपाट खुलवा कर पूजा करवा दी । महादेव के क्षेत्र में धर्म कार्य में हुए इस व्यतिक्रम को एक दैवीय आपदा का प्रमुख कारण माना जा रहा है ।
केदारनाथ में तबाही का दूसरा बड़ा कारण देवी का प्रकोप
समूचा हिमालय क्षेत्र मां दुर्गा और भगवान शंकर का मूल निवास स्थान माना गया है। श्रीनगर गढ़वाल क्षेत्र में अलकनन्दा नदी के किनारे एक बहुत ही प्राचीन सिद्ध पीठ है जिसे 'धारी देवी' का सिद्धपीठ कहा जाता है। इसे दक्षिणी काली माता भी कहते हैं। मान्यता अनुसार उत्तराखंड में चारों धाम की रक्षा करती है ये देवी। इस देवी को पहाड़ों और तीर्थयात्रियों की रक्षक देवी माना जाता है। महा विकराल इस काली देवी की मूर्ति स्थापना और मंदिर निर्माण की भी रोचक कहानी है। मूर्ति जाग्रत और साक्षात है।
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