कालसर्प योग के प्रभाव व उसके निवारण
क्या है काल सर्प योग -
कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। व्यावहारिक रूप से पीड़ित व्यक्ति आर्थिक व शारीरिक रूप से परेशान तो होता ही है, मुख्य रूप से उसे संतान संबंधी कष्ट होता है। या तो उसे संतान होती ही नहीं, या होती है तो वह बहुत ही दुर्बल व रोगी होती है। उसकी रोजी-रोटी का जुगाड़ भी बड़ी मुश्किल से हो पाता है। धनाढय घर में पैदा होने के बावजूद किसी न किसी वजह से उसे अप्रत्याशित रूप से आर्थिक क्षति होती रहती है। तरह तरह के रोग भी उसे परेशान किये रहते हैं। जब जन्म कुंडली में सारे ग्रह राहु और केतु के बीच अवस्थित रहते हैं तो उससे ज्योतिष विद्या मर्मज्ञ व्यक्ति यह फलादेश आसानी से निकाल लेते हैं कि संबंधित जातक पर आने वाली उक्त प्रकार की परेशानियां कालसर्प योग की वजह से हो रही हैं। परंतु याद रहे, कालसर्प योग वाले सभी जातकों पर इस योग का समान प्रभाव नही पड़ता। किस भाव में कौन सी राशि अवस्थित है और उसमें कौन-कौन ग्रह कहां बैठे हैं और उनका बलाबल कितना है - इन सब बातों का भी सम्बंधित जातक पर भरपूर असर पड़ता है। इसलिए मात्रा कालसर्प योग सुनकर भयभीत हो जाने की जरूरत नहीं बल्कि उसका ज्योतिषीय विश्लेषण करवाकर उसके प्रभावों की विस्तृत जानकारी हासिल कर लेना ही बुध्दिमत्ता कही जायेगी। जब असली कारण ज्योतिषीय विश्लेषण से स्पष्ट हो जाये तो तत्काल उसका उपाय करना चाहिए। काल सर्प मूलतः 164 प्रकार के बताये गए है जिनमे से सिर्फ 12 ऐसे है जो बुरा प्रभाव देते है अन्यथा काल सर्प योग आज तक अच्छा ही सिद्ध हुआ है । विश्व की सभी बड़ी हस्तियों की कुण्डलिया कालसर्प से प्रभावित पाई गई है ।
We strongly encourage you to book an appointment online to get personalised consultation and remedies for all your problems.